पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष की कुर्सी किसी इंद्रासन से कम नहीं है, और इस कुर्सी में भरा गड़ाए है भाजपा और कांग्रेस , मजे की बात यह है कि दोनों पार्टियों में कांग्रेस नेता शोभा भी अध्यक्ष की कुर्सी को 13 पार्षदों को लेकर और दो निर्दलीय के सहारे शोभायमान करने में जुगत बना रहे है, और वही अपने नाम के मुताबिक इंद्रासन भी इस कुर्सी के लिए शतरंज के खानों में अपनी बिसाद्द बैठाने में मात्र 9 पार्षदों और 6 निर्दलीय के सहारे कुर्सी पर वक्रीय निगाहे डाले बैठे है,परंतु इनका पूरा खेल भाजपा के ही कार्यकर्ता और पत्रों ने बिगाड़ रखा है । हाल में हुए धनपुरी नगरपालिका चुनाव 2022 में मतदान की गिनती,और पार्षदों की गिनती के साथ भी भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष इंद्रजीत छाबड़ा का विरोध थमने का नाम नही ले रहा है। इंद्रजीत छाबड़ा भाजपा के दिग्गज नेताओं में शामिल हैं,परंतु यदि इसी प्रकार छाबड़ा का विरोध होता रहा तो इनकी राजनीति में जल्द ही ग्रहण लग सकता है।
अभी हाल ही में हुए धनपुरी नगरपालिका चुनाव में जहां कांग्रेस की शानदार वापसी हुई वही भाजपा की करारी हार का पूरा जिम्मेदार पूर्व जिलाध्यक्ष छाबड़ा की अध्यक्ष पद की कुर्सी का मोह रहा है।
छाबड़ा है अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदार,परंतु विरोध से राह नहीं है आसान
माना की छाबड़ा जी धनपुरी नगर पालिका के अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदार हैं,परंतु भाजपा के प्रत्याशी हारे हुए पार्षद और केवल 9 सीट तक सिमटी भाजपा और हारे हुए प्रत्याशी तो पहले दबी जुबान से गली गली में कह रहे थे की छाबड़ा ने ही भाजपा के प्रत्याशियों को हराया है और अपने चहेते निर्दलीय प्रत्याशियों को धन,बल से परिपूर्ण करके उन्हे चुनाव भी जिताने में कोई कसर नहीं छोड़ी,ताकि जीत के बाद इन मोहरों को शतरंज के चौखनो में स्थापित करके अध्यक्ष पद पर काबिज हो सके।
भाजपा कार्यकर्ताओं ने लिखा राष्ट्रीय अध्यक्ष को पत्र,लगाया पार्टी के विरोध में काम करने का आरोप
धनपुरी नगर पालिका के वार्ड नंबर 2 से भाजपा प्रत्याशी रहे शैलेन्द्र सराफ ने 20 जुलाई को नतीजे आने से पहले ही 16 जुलाई को जिलाध्यक्ष कमल प्रताप सिंह को पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने स्पष्ट उल्लेख किया कि नगरीय निकाय चुनाव धनपुरी में वार्ड नंबर 2 में भाजपा के प्रत्याशी के विरूद्ध पार्टी के बड़े नेता प्रचार करने आये थे, लिखे गये पत्र में यह स्पष्ट किया गया कि अधिकृत प्रत्याशी को हराने के लिए तथा भाजपा की बागी प्रत्याशी श्रीमती विनीता जायसवाल के समर्थन में न सिर्फ खुलकर प्रचार किया गया, बल्कि लाखों रूपये खर्च भी किये गये।
भले ही यह चिट्ठी संगठन के मुखिया ने संगठन की साख बचाने और संबंधों के फेर में दबा दी, लेकिन यह चिट्ठी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा, प्रदेश अध्यक्ष वी.डी. शर्मा, प्रदेश संगठन मंत्री हितानंद शर्मा, संभाग प्रभारी हरीशंकर खटीक, जिला प्रभारी पीतांबर टोपनानी और क्षेत्रीय विधायक मनीषा सिंह को भी भेजी, शैलेन्द्र सराफ द्वारा लिखी गई चिट्ठी और लगाये गये आरोपों के बाद आये नतीजों ने सच पर मोहर लगा दी, भले ही शैलेन्द्र राजनीति के नये खिलाड़ी हैं, लेकिन भाजपा की टिकट और पार्षद के चुनावों ने उसे इस काबिल तो बना दिया कि वह अपने और पराये की पहचान कर सके।
इस पत्र में शैलेन्द्र सराफ ने भाजपा के पांच दिग्गजों के नाम उल्लेखित करते हुए उन पर पार्टी और संगठन के खिलाफ काम करने के आरोप लगाये हैं, शैलेन्द्र का यह भी दावा है कि उनके पास इन आरोपों के साक्ष्य भी मौजूद हैं। उसने पत्र में पांचों नेताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की मांग भी की है।
वार्ड नंबर 12 के भाजपा प्रत्याशी ने भी लगाया आरोप
वार्ड नंबर 12 के भाजपा के हारे हुए प्रत्याशी का भी दर्द आखिर पत्र के माध्यम से बाहर आ ही गया, यहां के भाजपा प्रत्याशी रोशन पनिका ने भी राष्ट्रीय अध्यक्ष,और प्रदेश अध्यक्ष बी डी शर्मा को पत्र लिखकर अपना दुखड़ा सुनाया है,पत्र में स्पष्ट रूप से रोशन पनिका ने आरोप लगाया है कि मैं भाजपा प्रत्याशी होते हुए भी मुझे भाजपा के ही वरिष्ठ पदाधिकारी,और पूर्व जिला अध्यक्ष इंद्रजीत छाबड़ा ने धन,बल का उपयोग करके मुझे हराया और अपने चहेते और मोहरे को वार्ड नंबर 12 से विजय दिलवाया गया,वही रोशन पनिका ने 4 और भाजपा कार्यकर्ताओं के नाम भी पत्र में लिखे हैं जिन्होंने पार्टी के अनुशासन हीनता की है और दंडात्मक कार्यवाही की मांग की है।
क्या भाजपा जिलाध्यक्ष कमल प्रताप इस अनुशासन हीनता के लिए करेंगे कार्यवाही
अभी तो 2 ही भाजपा प्रत्याशी ने पत्र लिखा है ,सुनने में आ रहा है कि अभी लगभग 5 भाजपा हारे प्रत्याशी भी छाबड़ा के विरुद्ध मोर्चा खोल सकते हैं। भाजपा के संवेदनशील जिलाध्यक्ष कमल प्रताप सिंह इन कद्दावर नेताओं पर कोई कार्यवाही करेंगे या फिर इस अनुशासन हीनता को पार्टी नजरंदाज कर देगी क्योंकि विरोध करने वाले केवल एक गुट के लोग ही हैं,या उनकी नेतागिरी प्रदेश स्तर के होने के कारण जिलाध्यक्ष जी सोच विचार में न पड़ जाएं,और यदि बात हो रीति और नीति का तो इन कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए, चाहे वह भाजपा मंडल अध्यक्ष हेमंत सोनी हो या पूर्व जिला अध्यक्ष और इनकी चौकड़ी हो, क्योंकि धनपुरी नगर पालिका चुनाव में धनपुरी मंडल अध्यक्ष की भूमिका भी सराहनीय नही रही और केवल ये पार्टी के तो नही हुए परंतु अपने आका को पार्टी से भी ऊपर मानकर केवल उनके लिए कार्य किया।