भाजपा भाजपा की रीति और नीति में फर्क भाजपा नेता का बेटा बांट रहा है सड़क पर टिकट वहीं कांग्रेस में भी चरण चुंबन का दौर जारी
एक तरफ भारतीय जनता पार्टी अपने सुशासन राष्ट्रवाद और ईमानदार छवि के लिए विश्व की नंबर एक पार्टी बन चुकी है पर वही पार्टी के साख पर दाग लगाने के लिए के लिए भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष और प्रदेश कार्यकारिणी समिति के बेटे ने 1 से लेकर 17 तक के वार्डों के पार्षदों को सड़क पर टिकट बांटने लगा है और बात माने तो यह भी कहा जा रहा है की अब मैं पिछड़ा वर्ग से नगर पालिका अध्यक्ष की जारी करूंगा दावेदारी करूंगा और कौन माई का लाल है जो मुझे रोक सके क्या वास्तव में यह भाजपा की रणनीति है या भारतीय जनता पार्टी की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है ।
एक तरफ भाजपा के वर्तमान जिलाध्यक्ष जिला अध्यक्ष प्रताप सिंह उर्फ बल्लू भैया ईमानदार छवि दमदार नेतृत्व युवाओं के प्रति स्नेह उनकी छवि पर चार चांद लगा रहा है और एक तरफ भाजपा नेता पुत्र की मनमानी से क्या वर्तमान जिलाध्यक्ष के मंसूबों के पानी फिर जाएगा या फिर धनपुरी नगरपालिका चुनाव में स्वच्छ साफ इमानदार गैर अपराधिक छवि वाले प्रत्याशियों को भाजपा टिकट देगी पूर्व जिलाध्यक्ष के ईमानदारी के चर्चे धनपुरी नगर के हर व्यक्ति और भोपाल तक हैं,उनकी ईमानदार छबि और कूटनीति भी सभी जानते हैं,कभी पूर्व जिलाध्यक्ष के ईमानदार होने के सबूत हाई मास्क लाइट घोटाला,कभी स्विमिंग पुल ठेका, कमीशन जैसे सामान्य घोटाले में नाम आ चुका है और उस समय आईएएस साहब ने 26 पन्नो की ईमानदारी की रिपोर्ट भी दे दी थी परंतु भाजपा ने भीष्म पितामह की तरह इनको अंतिम युद्ध तक रखा हुआ है।
वार्ड के प्रत्याशी को ही मिले टिकट,अन्यथा भाजपा को सहना होगा विरोध का सामना
यदि वार्डों की जनता और यूवाओ की माने तो हमे अपने वार्ड का ही प्रत्याशी चाहिए जिसकी छबि ईमानदार,और गैर आपराधिक हो,जो हमारे दिन रात काम आ सके, यदि पार्टी किसी बाहरी व्यक्ति को टिकट देती है तो भाजपा को विरोध का सामना करना पड़ेगा और वार्ड के लोग और युवा निर्दलीय प्रत्याशी को मैदान पर होगा।
बाहरी प्रत्याशी आकर पार्टी के कारण चुनाव जीतता है और जीतने के बाद 5 साल तक गुमशुदा हो जाता है।
मजे की बात यह है कि एक ओर वर्तमान जिलाध्यक्ष मल्लू भईया अपनी और पार्टी की छबि को सातवें आसमान पर ले जा रहे है वही दूसरी ओर भाजपा नेता पुत्र सड़कों पर टिकट बन्दे कर रहा है, सूत्र बताते है कि पूर्व जिलाध्यक्ष अपना 3 नंबर वार्ड को छोड़कर 1 नंबर वार्ड की ओर आ रहे है, 4 नंबर का भी मन बना रहे हैं,और नेता पुत्र ने एलान भी कर दिया है कि टिकट तो मुझे ही मिलेगी,कोई टिकट नही काट सकता,अब देखना यह है कि नेता पुत्र की दमदारी कहा तक काम आती है या वर्तमान पार्टी प्रमुख कमल प्रताप जी की भाजपा की रीति नीति और उनका नेतृत्व….
प्राप्त जानकारी के अनुसार नगरीय निकाय चुनाव के लिए कांग्रेस के द्वारा बनाई गई चुनाव संचालन समिति के सदस्यों ने आपस मे टिकट बांट कर प्रत्याशियों की सूची प्रदेश कार्यालय भेज दी है ऐसी चर्चाएं धनपुरी क्षेत्र के पांच एवं होटलों में होना चालू हो चुकी हैं। धनपुरी नगर पालिका में प्रत्याशी चयन के लिए काँग्रेस ने 13 सदस्यी चुनाव संचालन समिति गठित की थी जिसका मकसद था कि जिताऊ और समर्पित प्रत्याशियों का चयन कर परिषद में काँग्रेस की जीत सुनिश्चित की जाए लेकिन जिस तरह से चुनाव संचालन समिति ने प्रत्यशियों का चयन किया है उससे तो निकाय चुनाव के कई वार्डो में कांग्रेस पहले ही रेस से बाहर हो गई है।
सूत्रों का कहना है कि चुनाव संचालन समिति के 13 सदस्यों में 09 सदस्यो ने खुद ही टिकट के लिए जोर आजमाइश की है और सफल होते दिख रही है हालांकि जब तक कांग्रेस पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों की घोषणा नहीं हो जाती कब तक कुछ भी हो सकता है। बाकी बचे 04 सदस्य आरक्षण के गणित के चलते टिकट की दौड़ से बाहर हुए फ़िर भी उन्होंने अपने समर्थकों को टिकट दिला दिया है। पूर्व का वार्ड नंबर 2 जो नए परिसीमन में 04 नंबर वार्ड है वहाँ से 2 बार विजयी प्रत्याशी महबूब खान का टिकट किस आधार पर काटा गया ये समझ से परे है। काँग्रेस ने जिस प्रत्याशी को टिकट दिया है वह 04 नंबर से जीत सकता है या नहीं यह तो आगे वाला समय ही बताएगा। ।
इसी तरह वार्ड नंबर 22 में कांग्रेस कमेटी के जिला उपाध्यक्ष मोहम्मद आज़ाद के छोटे भाई की पत्नी को टिकट दिए जाने की चर्चा है जो 22 नंबर वार्ड की निवासी नही है। । जबकि 22 नंबर वार्ड की हक़ीक़त नगर पालिका परिषद के पूर्व अध्यक्ष मुबारक मास्टर और पूर्व पार्षद नन्हू मोहम्मद से पूछी जा सकती थी।
22 नंबर वार्ड पार्टी अंतर्कलह से जूझ रही है।अगर यहाँ से महबूब खान निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ते है तो फिर कांग्रेस निश्चित रूप से यहाँ चुनाव हार सकती है। इसी तरह 18 नंबर वार्ड से बुरहार निवासी अशोक सिंह को कांग्रेस का टिकट दिए जाने की चर्चा है। अशोक सिंह का 18 नंबर वार्ड से दूर दूर तक का नाता नही है गलत टिकट वितरण से कांग्रेस यह सीट हार सकती है। इसी तरह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रामाशीष पटेल को कही से टिकट नहीं दिया गया है जबकि वह जिताऊ उम्मीदवार हो सकते थे। रामाशीष पूर्व में पार्षद रह चुके हैं एवं उनकी पत्नी भीपार्षद रह चुकी हैं इसी तरह कई अन्य वार्डो में भी गलत टिकट बटवारे से कांग्रेस की नैया डूबती नज़र आ रही है। अभी भी समय है अगर कांग्रेस जमीनी नेताओ से बात करके टिकट का बंटवारा सही तरीक़े से करे तो जीत की संभावना बढ़ सकती है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार टिकट के दावेदारों के वार्ड बदले जा सकते हैं जिसमें शोभाराम पटेल को 11 से 3,संतोष सिंह सिंगर 12 से 9, राम आशीष पटेल 24 से 12, हनुमान खंडेलवाल 1 से 17 मोहम्मद आजाद के भाई की पत्नी 17से 22 से टिकट दिए जाने की खबर है जबकि आरती जैस्वाल वार्ड क्रमांक 15 से पार्षद रही हैं लेकिन उनका टिकट कट सकता है मुबारक मास्टर की टिकट भी दूसरे वार्ड से किस्मत आजमा सकते हैं वार्ड क्रमांक 4 एवं 5 से महबूब खान प्रबल दावेदार बताए जाते हैं लेकिन उनकी भी टिकट काटी जा सकती है उनके द्वारा वार्ड क्रमांक 22 से टिकट मांगा जा रहा था सूत्र बताते हैं कि टिकट बदलने एवं टिकट काटे जाने की चर्चाओं से वार्ड के कांग्रेस प्रत्याशियों में भारी रोष भी देखा जा रहा है कई कांग्रेसियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि हम लोगों के द्वारा झंडा एवं दरी सहित रैली में भी भाग लिया जाता रहा है और अपना तन मन धन कांग्रेस पार्टी के लिए लगाते रहे हैं लेकिन जब चुनाव में टिकट देने की बात आती है तो ऐसे कांग्रेसियों को दरकिनार कर दिया जाता हैl