भारत की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के बगल में उत्तर प्रदेश के नोएडा में स्थित सेक्टर 93ए में अवैध रूप से निर्मित बहुमंजिला आवासीय सोसाइटी सुपरटेक के ‘ट्विन टावर्स’ रविवार को विस्फोट कर धवस्त कर दिए गए। इस प्रक्रिया में इस्तेमाल की गयी विस्फोट सामग्री के धमाके से किसी तरह के जानमाल के नुकसान की फिलहाल कोई सूचना नहीं है। उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार भ्रष्टाचार की बुनियाद पर तामीर किए गये 32 मंजिला ट्विन टावर्स को नोएडा विकास प्राधिकरण और जिला प्रशासन की निगरानी में आज दिन में 2:30 बजे गिराया जाना था। घड़ी में ढाई बजते ही सायरन की तेज आवाज सुनी गई और अगले एक मिनट में रिमोट कंट्रोल से किये गए विस्फोट के बाद पल भर में ट्विन टावर ताश के पत्तों की तरह भरभरा कर ढह गई।
नोएडा की मुख्य कार्यकारी अधिकारी ऋतु महेश्वरी ने कहा कि इमारत गिराये जाने के बाद प्राप्त ताजा जानकारी के मुताबिक ट्विट टावर्स के आसपास की किसी सोसाइटी में नुकसान की कोई सूचना नहीं है। उन्होंने कहा कि आसपास के इलाके में सड़कों पर धूल की परत जम गई है। इसे साफ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगले एक घंटे में स्थिति का वास्तविक आकलन किया जा सकेगा। इसे गिराने में विस्फोटक सामग्री को इस प्रकार से इस्तेमाल किया गया था कि इमारत में लगा कंक्रीट, धमाका होते ही धूल में तब्दील हो गया। इसके बाद पलक झपकते ही ट्विट टावर्स विशालकाय धुंए के गुबार में बदल गए। महज नौ सेकेंड के भीतर पूरी इमारत ध्वस्त हो गई और इसके मलबे से उठी धूल ने आसपास के 500 मीटर के इलाके को ढक लिया।
धूल के गुबार की पूर्व आशंका को देखते हुए 500 मीटर के दायरे वाली सभी इमारतों को पहले ही कपड़े से ढंक दिया गया था। इसके साथ ही दिल्ली एनसीआर की अग्रणी भवन निर्माण कंपनी सुरपटेक के ट्विन टावर्स के दो ब्लॉक ‘एपेक्स और सेयेन’ अतीत का हिस्सा बन गए। गौरतलब है कि जिला प्रशासन ने ट्विन टावर्स को ध्वस्त करने की जिम्मेदारी निजी क्षेत्र की कंपनी ‘एडीफाइस’ को सौंपी थी। नोएडा विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि इसे ध्वस्त करने की पूरी कवायद पूर्व निर्धारित योजना के मुताबिक पूरी हो गयी। अब सिर्फ धूल के गुबार को साफ करने और मलबा हटाने का काम बचा है। इमारत ध्वस्त होने के कुछ समय बाद धूल हटाने के लिये नगर निगम की पहले से तैनात एंटी स्मॉग गन से पानी की तेज फुहार से पूरे इलाके में छिड़काव शुरु कर दिया गया। अधिकारियों ने बताया कि इमारत का मलबा हटाने में तीन महीने का समय लगेगा।
इमारत ध्वस्त करने से कुछ समय पहले नोएडा के पुलिस आयुक्त आलोक कुमार ने बताया कि पुलिस ने ट्विन टावर्स के आसपास 500 मीटर तक के इलाके को पूरी तरह से खाली करवा दिया था।” उन्होंने कहा कि ट्विन टावर को वाटरफॉल तकनीकि से गिराया गया। इस तकनीकि से मलबा बिखरता नहीं है, बल्कि पानी की तरह नीचे गिरता है।
इससे पहले नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे पर दोपहर 1:30 बजे से एक घंटे के लिए यातायात रोक दिया गया था। नोएडा के डीसीपी (ट्रैफिक) गणेश ने कहा कि अवरूद्ध किए गए मार्गों के बारे में गूगल मैप को पहले ही अपडेट कर दिया गया था। इसकी मदद से लोगों को बंद रास्तों की जानकारी मिल जाएगी।