कांग्रेस में अपने अधिकारिक ट्विटर अकाउंट से एक फ़ोटो साझा की है जिसमें संघ का खाखी पेंट जो वर्ष 2018 तक संघ के गणवेश का हिस्सा था उसको आग से जला हुआ दिखाकर हिंसात्मक रूप से राष्ट्रवाद को जलाने की बात कही है एवं यह लिखा है कि 145 दिन और बचे है । यह लोकसभा चुनाव 2024 के सापेक्ष में बात करते हुए कह रहे है चेतावनी है या चुनौती ? कि अगर जीते तो जला देंगे या जलाकर जीतेंगे ?
आर एस एस एवं भाजपा राष्ट्रवादी विचारधारा को लेकर कार्य करने वाला संगठन है केरल में यात्रा चल रही है जहाँ सबसे ज़्यादा संघ एवं संघ के अनुसांगिक संगठन ABVP ,विश्व हिंदू परिषद ,बजरंग दल के कार्यकर्ताओं की हत्याएँ हुई है भाजपा के कई कार्यकर्ताओं की हत्या भी केवल इस कारण हुई है कि वे इस विचारधारा के थे और इसी तरह के हिंसात्मक रवैए को अपनाने के दुर्भावना से प्रेरित कांग्रेस पार्टी भारत जोड़ो यात्रा के नाम पर अपने आंतरिक एजेण्डे “राष्ट्रवाद जलाओ एवं भारत तोड़ो अभियान” पर काम कर रही है ।
यह राष्ट्रवाद को आग लगाने के लिए प्रेरित कर रहे ।गाँधी जी का चरखा छोड़कर कांग्रेस आग लगाने की राजनीति पर उतर आई है,राहुल गांधी की यात्रा भी”देश जलाओ”यात्रा है जैसे इन्होने राजीव गाँधी के नेतृत्व में 1984 मे निकाली थी और हजारो सिखो के गले में टायर डाल कर जिन्दा जला दिए गए थे।सत्ता की चाह में कांग्रेस भटक कर हिंसा की राह पर है।
जब जब देश पर आपदा आई है तब तब आरएसएस ही सबसे पहले पीडितों की सहायता करने के लिए सबसे पहले सेवा में जुट गया संघ पिछले 97 वर्षों से सेवा कार्यों के माध्यम से जाति, पंथ, धर्म से ऊपर उठकर ज़रूरतमंदो की सेवा में रत है ।संघ के सेवा कार्य सभी के लिए है चाहे कोरोनाकाल हो या रेल दुर्घटना हो संघ सबसे पहले तत्परता से आगे आया है
पर काग्रेंस के नेताओं की निकृष्ट सोच देखों कि ये आरएसएस के परिधान को आग लगाने की सोच रखते है मतलब जो देशवासियों की मदद करे उसे ही आग लगा दो?
देश का विभाजन करके नफ़रत की आग में झोंकने वाली कांग्रेस आज भारत जोड़ो यात्रा पर निकली है कितनी हास्यास्पद बात है कि कांग्रेस ने ही देश को तोड़ा था|
कांग्रेस राहुल गांधी ने जो भारत जोड़ो यात्रा जा नेतृत्व कर रहे रहे है मई 2022 को लंदन के केम्ब्रिज विश्वविद्यालय “इंडिया एट 75” विषय पर विचार प्रस्तुत करते हुए कहा था कि “भारत राष्ट्र नहीं राज्यों का संघ है “जो भारत को एक राष्ट्र नहीं मानता वो भारत जोड़ो यात्रा पर निकला है। कांग्रेस को सनद रहे कि
अहंकारी रावण ने भी भगवान श्री हनुमान की पूँछ में आग लगाने का दुस्साहस किया था परिणामस्वरूप पूरी सोने को लंका जल गई थी यह दुस्साहस बची कुची कांग्रेस को ही समाप्त ना कर दे …
हनुमान की पूंछ में, लग न पाई आग।
लंका सिगरी जल गई, गए निसाचर भाग।।