भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने अपने जन्मदिन पर राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति की शुरुआत करते हुए कहा कि भारत में बने उत्पाद दुनिया के बाजारों में छाएं, इसके लिए देश में सपोर्ट सिस्टम का मजबूत होना भी उतना ही आवश्यक है। राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति हमें इस सपोर्ट सिस्टम को आधुनिक बनाने में बहुत मदद मिलेगी।
ड्रोन के जरिए लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में सुधार आएगा। नीति अंतिम परिणाम नहीं, अभी शुरुआत है। नीति और प्रदर्शन का जोड़ प्रगति देता है। अवसंरचना की खामियों को पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर योजना दूर कर रहा है। विश्व को भारत से बहुत उम्मीदें हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत लोकतंत्र की महाशक्ति के तौर पर उभर रहा है।
इस नीति में प्रक्रियागत इंजीनियरिंग, डिजिटलीकरण और बहु-साधन परिवहन जैसे क्षेत्रों पर केन्द्रित करने की योजना है। भारत में अन्य अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में लॉजिस्टिक की लागत अधिक है। इसलिए इसकी आवश्यकता है। घरेलू और निर्यात दोनों बाजारों में भारतीय वस्तुओं की प्रतिस्पर्धा में सुधार के लिए भारत में लॉजिस्टिक्स लागत को कम करना अनिवार्य है।
यह नीति लॉजिस्टिक्स के पूरे पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिए एक व्यापक अंतर-क्षेत्रीय और बहु-क्षेत्राधिकार ढांचे को निर्धारित करके उच्च लागत और दक्षता में कमी से जुड़े मुद्दों का हल निकालने का व्यापक प्रयास होगा लॉजिस्टक की लागत को सकल घरेलू उत्पाद के लगभग 13 फीसदी से घटाकर 7.5 फीसदी तक लाने की कोशिश की जाएगी।भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने संबोधित करते हुए मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत पर जोर दिया।
भारत मैन्युफैक्चरिंग हब बनकर उभर रहा है।लॉजिस्टिक कनेक्टिविटी को सुधारने और व्यवस्थित बुनियादी ढांचे के विकास के लिए हमने सागरमाला, भारतमाला जैसी योजनाएं शुरू कीं हैं।