भारतीय सर्वोच्च अदालत ने आज कश्मीरी पंडितों के साथ 1989 में घटित नरसंहार की एस आई टी से जांच कराने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। आशुतोष टपलू ने इस याचिका को सर्वोच्च अदालत में दायर किया था । कश्मीर पंडितों के उस नरसंहार में टीका लाल टपलू की भी निर्मम हत्या हुई थी।

इस याचिका पर सर्वोच्च अदालत ने याचिकाकर्ता टपलू को सलाह दी और उन्होंने अपनी याचिका वापस ले ली।सर्वोच्च अदालत ने याचिकाकर्ता आशुतोष टपलू से कहा कि वह अपनी मांग उपयुक्त मंच पर आशुतोष टपलू के पिता जी टीका लाल टपलू को 1989 कश्मीर में हुए नरसंहार के समय जे के एल एफ के आतंकियों ने निर्मम हत्या कर दी थी। याचिका में कहा गया था कि 32 वर्ष गुजर गए हैं लेकिन उनके परिवार को यह भी नहीं पता कि उस घटना में किस तरह की जांच गई। परिवार को एफआईआर की प्रतिलिपि तक नहीं दी गई।

याचिकाकर्ता ने 1984 में हुए सिख नरसंहार के 3 दशक बाद जांच के लिए सर्वोच्च अदालत की तरफ से गठित एसआईटी का हवाला दिया और टपलू की हत्या की घटना पर एसआईटी जांच की मांग की। अदालत ने कहा इसी तरह मिलती-जुलती याचिका को पहले भी खारिज किया है तो हम इस पर सुनवाई सकते।

By Editor

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