भारत न्यूज टुडे। खदान में नियमो को ताक में रखकर और झूठ के पुलिंदाओ की दीवार खड़ी करकर, झूठी सीएमआर रिपोर्ट हेड क्वार्टर भेजकर लाखो करोड़ो रुपए का व्यारा न्यारा कर चुकी सोहागपुर एरिया की बड़ी लापरवाही सामने आई है जहां धनपुरी यूजी माइंस में हुई चार मौतों के बाद एसईसीएल बुढ़ार ग्रुप प्रबंधन द्वारा बन्द खदान का मुहाना बन्द करने में समुचित सावधानी नही बरती गई तथा जहरीली गैस रिसाव एवं बन्द खदान की सार्वजनिक सूचना एवं चेतावनी बोर्ड इत्यादि नही लगाये गये तथा सुरक्षा हेतु गार्ड की व्यवस्था नहीं की गई थी। इसे पुलिस ने प्रथम दृष्टया घोर लापरवाही माना है। जिससे गत 26 जनवरी की रात्रि में 5 व्यक्ति लोहा कबाड़ निकालने के लिये बंद पड़ी भूमिगत खदान में अन्दर घुसे थे। भूमिगत खदान के अन्दर जहरीली गैस का फैलाव होने से सभी जहरीली गैस के चपेट में आ गये और मृतक हजारी कोल, कपिल विश्वकर्मा, राहुल कोल, राज महतो की मृत्यु हो गई है जिसपर से बन्द कोयला खदान के कॉलरी प्रबंधन द्वारा समुचित संरक्षण में प्रथमदृष्टया लापरवाही पाये जाने से धारा 304-ए भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।
क्या कहता है सीएमआर की गाइड लाइन,अंडर ग्राउंड कोल माइंस के लिए
हम पाठको और आम जनता को यह जानना जरूरी है कि सीएमआर क्या कहलाता है इसका मतलब है कोल माइंस रेगुलेशन। इस कोल माइंस रेगुलेशन के अंतर्गत प्रकाशित वर्ष 2017 असाधारण राजपत्र में प्रकाशित भाग 2 खंड 3(i) के पेज नंबर 225 के क्लास क्रमांक 124 के प्वाइंट क्रमांक 1 से लेकर 16 तक केवल अंडर ग्राउंड माइंस चलने के बाद उनकी फीलिंग की जाना चाहिए होता है जिसे कोल माइंस और राजपत्र के उपरोक्त क्रमांक में सेटिंग ऑफ सपोर्ट कहा जाता है परंतु सोहागपुर एरिया की एक भी ऐसी माइंस नही है जो इस नियम को मानते हैं यदि इन नियमों को माना जाता तो ऐसी हृदय विदारक घटना नही होती। इस मौत की पूरी जिम्मेदारी सोहागपुर कोल प्रबंधन की बनती है।
पांच घंटे की मशक्कत के बाद रेस्क्यू टीम को मिली सफलता,भारी पुलिस बल मौजूद,हटाए गए धनपुरी थाना प्रभारी,और एएसआई
सोहागपुर कोल प्रशासन की रेस्क्यू टीम के पहले टीम के टीम लीडर अमरजीत सिंह, जैसे ही गोप से बाहर आए वैसे टीम लीडर अजय दिवेदी भी अपनी टीम के साथ तैयार नजर आए, पांच घंटे तक कड़ी मशक्कत के बाद आख़िरकार एसईसीएल की रेस्कयू टीम की सफलता मिल ही गयी । और इसके साथ ही पुलिस की शंका की पुष्टि भी हो गयी। शाम लगभग साढ़े 7 बजे उक्त खदान से तीन शवो को बाहर निकाल लिया गया । इसके साथ ही अब बन्द यूजी माइंस में मरने वालों की संख्या सात हो गयी ।26-27 जनवरी की रात ही रेस्कयू कर 4 शवों को बरामद कर लिया गया था। उसके बाद एक जीवित बचे सेवक कुचब्धिया ने पुलिस को बताया कि उसी रात्रि तीन अन्य युवक भी कबाड़ की तलाश में उसी माइंस में दूसरे मुहाड़े से अंदर गए थे। जो कि घटना दिनांक से लापता है। जिनमे एक युवक अमलाई व दो चचाई थाना क्षेत्र के रहने वाले है ।
सोहागपुर क्षेत्र के बंद धनपुरी भूमिगत खदान में उसी रात्रि तीन अन्य युवक इनमें अमलाई थाना क्षेत्र के चीप हाउस निवासी रोहित कोल व चचाई थाना क्षेत्र के राजेश मिश्रा व मनोज बर्मन का नाम शामिल है। इनके गुमसूदगी की शिकायत थाने तक आने के बाद एक बार फिर पुलिस और एसईसीएल महकमा सकते में आ गया। जिसके बाद शनिवार दोपहर 2 बजे भारी पुलिस बल की मौजूदगी में एसईसीएल की रेस्कयू टीम ने उक्त खदान में रेस्कयू ऑपरेशन शुरू किया। दोपहर से लेकर देर शाम लगभग 7 बजे तक खान बचाव दल की 5-5 सदस्यीय कई टीमें रेस्कयू के लिए कड़ी मशक्कत करते हुए बन्द माइंस के अंदर जाती और वापस आती रही। आखिर कार देर शाम 7 बजे रेस्कयू दल के सदस्यों को खदान के अंदर तीन शव मिल गए ।जिनके अंदर होने की आशंका सुबह से लगाई जा रही थी। शाम लगभग साढ़े 7 बजे तीनों शवो को बाहर निकालकर पोस्ट मार्टम के लिए मेडिकल कालेज शहडोल भेज दिया गया।
सूत्रो की माने तो यह पता चला ही कि लगभग सप्ताह भर पहले राजा कबाड़ी की अवैध कबाड़ से लदी एक पिकअप जिसे यही लापता चालक चला रहा था,अमलाई थाना पुलिस पकड़कर थाना लेकर आई थी लेकिन उसमें क्या कार्यवाही की गई यह अज्ञात ही रह गया ।
पुलिस की नाक के नीचे चलता रहा कबाड़, मौतों के बाद जागी पुलिस, जिले के कबाड़ियों के यहां छापामार कार्यवाही
पुलिस को लगता है की इन 4 मौतों का इंतजार था की इस घटना के बाद ही कबाडियो की धर पकड़ की जावेगी,पुलिस के नाक के नीचे ही कबाड़ का खेल चलता रहा और पुलिस अपनी जेब गर्म करती रही,काश! यही कार्यवाही इन कबाड़ियो पर पहले हो जाती तो शायद इतनी बड़ी घटना नही होती।बीते दिनों धनपुरी यूजी माइंस में चार युवकों की कबाड़ चुराने के दौरान माइंस के अंदर दम घुटने से मौत हो गयी थी। इसके बाद पुलिस को पता चला था कि मृतक राजा कबाड़ी अमलाई थाना चचाई के लिए काम करते थे। जिसके बाद राजा कबाड़ी के ठीहे ओर दबिश देकर भारी मात्रा में अवैध कबाड़ जप्त किया गया था। इसके बाद आज शनिवार को जब पुलिस तक यह जानकारी पहुँची कि उक्त रात्रि तीन अन्य युवक भी धनपुरी यूजी माइंस में ही किसी दूसरे मुहाड़े से माइंस के अंदर कबाड़ चोरी की नीयत से घुसे थे। और वह तीनो घटना दिनांक से लापता है तो आज शंका के आधार पर उनकी तलाश के लिए रेस्कयू के साथ साथ पुलिस टीमो ने शहडोल मुख्यालय में स्थित कबाड़ के ठीहो पर दबिश देकर भारी मात्रा में अवैध कबाड़ जप्त किया गया। ऐसे में सवाल यह उठ रहा कि आखिर संभागीय मुख्यालय में जहां एडीजी समेत पुलिस के अन्य आला अधिकारी 24 घंटे मौजूद रहते है, जब वह कबाड़ी व अवैध कारोबार इस तरह फल फूल रहा है तो फिर जिले के दूर दराज के थाना क्षेत्रों में अवैध कारोबार के संचालित होने का अंदाज स्वयं ही लगाया जा सकता है ।
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