भोपाल | मध्यप्रदेश में उपचुनाव के माहौल के बीच पुलिस मुख्यालय से एक बड़ी खबर सामने आ रही है, पुलिस मुख्यालय के चयन एवं भर्ती शाखा के एडीजी संजीव शर्मा जी ने बताया कि डेढ़ साल से पीईबी ने कोई परीक्षा आयोजित नहीं की है, ऐसे में पूरी सम्भावना है कि पुलिस विभाग ही इस भर्ती परीक्षा को करवाएगा। इसके लिए चयन एवं शाखा ने पूरी तैयारी कर ली है और राज्य सरकार से आदेश मिलने का इंतजार है।
पुलिस मुख्यालय के चयन एवं भर्ती शाखा के द्वारा दिए गए बयान के सामने आते ही युवाओं के द्वारा इसका सोशलमीडिआ में जमकर विरोध हो रहा है। कई कोचिंग संस्थान, यूट्यूब चैनल भी सामने आकर इसका विरोध कर रहे हैं, जिनमे मुख्य रूप से चौहान एकेडमी के संस्थापक दिनेश चौहान और साईंबाबा इन्फोटेक क्लासेस के संस्थापक शुभम तिवारी अपने चैनल और विभिन्न सोशलमीडिआ के माध्यम से युवाओं से ट्विटर पर अधिक से अधिक #MPPoliceBharti और #MamaKaroInsaf का प्रयोग करके प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी (@chouhanshivraj) को टैग करके ट्वीट करने पर जोर दे रहे है।
इसके साथ में चौहान एकेडमी के संस्थापक दिनेश चौहान प्रतिदिन मुख्यमंत्री आवास पर अपनी टीम के साथ जाकर मध्यप्रदेश की भर्तियों के लिए प्रमुख मांगो का ज्ञापन सौंप रहे है और वहीं दूसरी ओर साईंबाबा इन्फोटेक क्लासेस के संस्थापक शुभम तिवारी एवं सह-संस्थापक पंकज शर्मा जी प्रदेश के प्रत्येक जिलों के कलेक्टर को मध्यप्रदेश की भर्तियों के लिए प्रमुख मांगो का ज्ञापन सौंपते हुए यह आव्हावन भी कर रहे है कि प्रदेश की शिवराज सरकार अगर उपचुनाव के पूर्व लगने वाली आचार संहिता के पहले (जुलाई माह के प्रथम सप्ताह तक) पुलिस भर्ती का नोटिफिकेशन नहीं लाती है तो मध्यप्रदेश के सभी बेरोजगार युवाओ के साथ मिलकर एक विशाल जन-आन्दोलन किया जायेगा एवं इस उप-चुनाव में सभी को नोटा पर वोट देने की अपील भी की जाएगी।
आपको बता दें व्यापम का नाम घोटाले में आने के बाद इसका नाम बदलकर पीईबी (प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड) रखा गया लेकिन पूर्व की कमलनाथ सरकार ने पीईबी का भी नाम बदलने की मंशा जताई थी और तभी से उन्होंने पुलिस की भर्तियां पुलिस मुख्यालय से करवाने की मंजूरी दी थी और अब वर्तमान की शिवराज सरकार भी पूर्व की सरकार के नक़्शे कदम पर चलते हुए दिख रही है और इसी बात से पिछले तीन सालो से पुलिस की भर्ती का इंतजार कर रहे युवा काफी निराश है क्योकि उनकी आशंका है कि 20 वर्षो पहले जब प्रदेश में दिग्विजय सिंह की सरकार थी, तब पुलिस मुख्यालय के द्वारा ली जाने वाली भर्ती परीक्षाओं में काफी अनियमितता देखने को मिलती थी जिससे गरीब और काबिल अभ्यर्थियों का चयन नहीं हो पाता था, इसी वजह से युवा पुलिस भर्ती को पीईबी के माध्यम से करवाने पर जोर दे रहे है।
मध्य प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को संगठित करने के उद्देश्य से साईंबाबा इन्फोटेक क्लासेस के संस्थापक शुभम तिवारी ने “शुभं करोति कल्याणं युवक समिति” NGO का निर्माण कराया है, जिसके माध्यम से प्रदेश के सभी बेरोजगार युवाओं के हक़ के लिए मांगे उठायी जा रही है।
“शुभं करोति कल्याणं युवक समिति” की प्रमुख मांगे:-
1.मध्यप्रदेश पुलिस भर्ती के नोटिफिकेशन आचार संहिता लगने के पूर्व जुलाई माह के प्रथम सप्ताह तक निकाले जाएं।
2. प्रदेश में 2017 के बाद से भर्ती नहीं हुई है जिस वजह से काफी बेरोजगार युवा ओवरऐज हो गए है, इसके लिए पुलिस भर्ती के नोटिफिकेशन में आवेदन करने की अधिकतम उम्र 37 वर्ष की जाए।
3. मध्यप्रदेश के पुलिस भर्ती आखिरी बार 2017 में 14,088 आरक्षकों और 611 उप-निरीक्षकों के पदों पर निकाली गयी थी लेकिन तीन सालो से भर्ती न होने से पदों की संख्या में काफी कमी आयी है जिस वजह से पुलिस भर्ती में आरक्षक के कम से कम 15000 पदों और उप-निरीक्षकों के 1500 पदों पर भर्ती निकाली जाए।
4. मध्यप्रदेश पुलिस की भर्ती पीईबी के अलावा अन्य किसी भी एग्जाम एजेंसी से न करवाई जाए।