सोहागपुर । कहावत है कि गिद्ध की नजरों से कैसे बचोगे जनाब…?
अमलाई ओसीएम में 308 करोड़ की निविदा को चेन्नई की कम्पनी राधे चेन्नई ने नीचे गिरकर तो ओवरलोड वर्डन ओवी का काम लिया है और नेताओं,कोल माइंस के दम भरने वालों को बुलाकर 17 जनवरी 22 को भूमि पूजन कर लिया है ।
भूमि पूजन के बाद ही पुरानी धोलू कम्पनी में कार्यरत जुगल जोड़ी ने भारतीय मजदूर संघ सोहागपुर से ठेका मजदूर संघ बनाकर सबसे पहले अपनी भर्ती को सुनिशिचत तो कर लिया और अब इंटेलीजेंस ब्यूरो की तरह खोज पड़ताल में लगे हैं, अभी वाहन चालकों की भर्ती पूरी ही नही हुई और माननीयों के दम पर सुपरवाइजरी में अपना जुगाड़ फिट करते नजर आते हैं।

अब बात करते हैं दूसरे छोर की तो कम्पनी का काम देख रहे मैनेजर भानु भी पूरे दिन नेता, अभिनेताओं, पंच, सरपँच को मैनेज करने में लगे हुए हैं और सफेद गाडी में घूम घूमकर डेमेज कॉनट्रोल न होने पाए की जुगत लगाते रहते हैं ।

क्या सोहागपुर एरिया जीएम की भी है साझेदारी

चेन्नई राधे कम्पनी के आते ही सोहागपुर एरिया और प्रबंधक महोदय श्री मान महादेव जी की तीसरी आंख भी खुल गयी और चेहरे पर मुस्कान आ गयी,और आती भी क्यों नहीं क्योंकि चेन्नई राधे कम्पनी के डायरेक्ट ने सभी मंचासीन अतिथियों के सामने कह दिया कि हमारी कंपनी सभी को अच्छे प्रकार से मैनेज करती है फिर क्या सबकी हो गयी बल्ले बल्ले।

अभी कुछ दिन पहले फर्जी नंबर की गाड़ी से कोयला परिवहन और चोरी में श्री महादेव का नाम आया ही था शायद जिसके कारण उन्हें 4थीं रैंक से सन्तुष्ट रहना पड़ा क्योंकि 1हली रैंक के पीछे तो रेड्डी साहब का भरपूर हांथ था और कोयला चोरी में में कारण भी अखबार की सुर्खियों में श्री महादेव का परचम लहरा रहा था,फिर किसी प्रकार से मैनेज का खेल चालू हुआ और कुछ आर्थिक सहायता देकर मामला रफा दफा किया गया।पर जबसे चेन्नई राधे आ गयी तब से धनपुरी से लेकर शहडोल, अनूपपुर तक के सफेद पोशो के सपोर्ट से ठेका मजदूर का स्वांग रचकर बीएमएस से समबद्धता लेकर अपनी राजनीति चमकाने और भोले भाले ड्राइवर को भड़काकर अपनी रोटी सेकते नजर आए क्योकि उनको पता था कि ये ड्राइवर की तो राधे राधे हो जाएगी पर हमारा क्या होगा….?

भला हो दादा का की उनके सहयोगात्मक रवैये के कारण इन ठेका मजदूर संघ के दो पदाधिकारियों को शायद जल्द ही जोइनिंग हो जाये, पर दादा ये भूल गए कि इन दोनों के अलावा भी पूरी धनपुरी और बुढार में युवाओ का आक्रोश बढ़ गया और अब बात तो यहाँ तक हो रही है कि उन युवाओं का क्या होगा जो वास्तव में पार्टी के लिए कार्य कर रहे हैं, चलो अच्छा है ड्राइवर की भर्ती के बहाने ही दो सुपरवाइजर भी काम पर लग गए और अब वो गाड़ियों की सुपरवीजन करेंगें।
अब श्री महादेव भी आस लगाए बैठे है कि कभी कमलनाथ के करीबी माने जाने वाले अब आजकल अपने आप को हिंदूवादी संगठनों का कार्यकर्ता बताकर अपनी रोटी सेक रहे हैं कि जल्द ही प्रमोशन होकर डायरेक्टर की कुर्सी में विराजमान ही जाऊं, पर शायद डगर कठिन है पनघट की ..?
श्री महादेव तो अब चेन्नई राधे कम्पनी पर अपनी गोटी फिट करते नजर आ रहे हैं और अपने लोगो की सेटिंग भी बहुत तेज लगे हुए हैं।

युवाओं का बढ़ रहा है आक्रोश
बढ़ती बेरोजगारी और कोरोना महामारी ने लोगों की कमर तोड़ दी है और इस समय केवल धोलू कंपनी के कर्मचारियो को ही नौकरी क्यों, यदि बात लोकल की है तो धोलू के कर्मचारी तो नौकरी कर चुके है 3 साल, तो अब नए युवाओं को रोजगार क्यो नहीं मिलेगा, इससे युवा आक्रोशित है कि केवल नौकरी में धोलू के कर्मचारियों का ही अधिकार है तो हम कहां जाएं, कहां रोजगार करें, और रही बात धोलू की तो अब धोलू को भी बटुरा उपक्षेत्र का भी टेंडर मिल गया वो कर्मचारी अब धोलू में जाकर नौकरी करें ,का वातावरण नगर में बना है, जिससे जल्द ही कोई आंदोलन भी हो सकता है।
खबर तो बाजार में यह भी गर्म है कि चेन्नई राधे के मैनेजर ने कुछ कॉलरी के चहेते लोगो को सेट कर रखा है,जो युवाओं से मोटी रकम वसूल रहे हैं और नौकरी दिलवा रहे हैं, चलिए देखते हैं क्या होता कम्पनी का,कि सब केवल राधे राधे है..?

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