“हिन्दू भाव को जब जब भूले आई विपद महान” यह पंक्ति भारत के इतिहास में अनेक बार चरितार्थ हुई है। परन्तु भविष्य में ऐसा न हो इसका संकल्प लिया है मुंबई निवासी, देशभर में अनेक जरूरतमंदों की दीदी और माँ कहलाने वाली समाज सेवी और व्यवसायी मीनाक्षी शरण ने। गौरतलब है कि भारत के रक्त रंजित इतिहास में असंख्य हिन्दुओं का नरसंहार आक्रांताओ ने किया था। ये अलग बात है भारत के वामपंथी इतिहासकारों ने अपने आकाओं को खुश करने के लिए इतिहास लिखा और दक्षिणपंथी कहलाने वाले इतिहासकार गहरी नींद में सोये रहे या केवल वामपंथी इतिहासकारों के झूठ की ही पुष्टि करने में लगे रहे। छठी शताब्दी से भारत को लूटने के लिए प्रयास होते आये हैं और 1947 भारत विभाजन के समय मची अब्राह्मिक मारकाट में अनेकों हिन्दुओं के प्राण गए थे, अनेकों परिवार समाप्त हो गए थे। उन असंख्य हिन्दुओं की आत्माओं की शांति के लिए हिन्दू मान्यताओं के अनुसार होने वाला श्राद्ध कर्म पिछले वर्ष तक किसी ने नहीं किया था। सभी हिन्दू योद्धा, हिन्दू शेर. हिन्दू चिंतक विचारक, हिन्दू बुद्धिजीवी, यहाँ तक ही हिन्दू संगठन भी पिछले वर्ष 14 अगस्त तक सोते रहे। लेकिन मीनाक्षी शरण ने पिछले वर्ष 15 अगस्त के दिन को “श्राद्ध संकल्प दिवस” के रूप में मनाने का सार्वजनिक आवाहन किया। देश विदेश से बहुत बड़ी संख्या में छोटे बड़े स्थानों से उनके इस भगीरथी आवाहन पर सहयोगात्मक प्रतिक्रिया मिली। पिछले वर्ष कोरोना काल में मीनाक्षी शरण ने कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए माता नर्मदा के तट पर सामूहिक तर्पण का विधिवत कार्यक्रम किया था। इस वर्ष भी उनके द्वारा आवाहन किया गया। मीनाक्षी शरण का यह विचार की बिना तर्पण और स्मरण से भटक रही हिन्दू आत्माओं की शान्ति के लिए सामूहिक तर्पण या स्मरण होना चाहिए इस बात पर इस वर्ष भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने मोहर लगाई जब उन्होंने 14 अगस्त के दिन ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के रूप में मनाने की घोषणा की। इस वर्ष भी 15 अगस्त के दिन को “श्राद्ध संकल्प दिवस” के रूप में मनाया गया, सोशल मीडिया में इस दिवस के समर्थन में देश विदेश से हजारों पोस्ट दिखे। देश विदेश की अनेक संस्थाएं और प्रतिष्ठित व्यक्तित्व मीनाक्षी शरण के साथ उनके इस भागीरथी प्रयास में सम्मिलित हुए। पिछले कल 6 अक्तूबर 2021 को ‘सर्व पितृ अमावस्या’ के दिन मीनाक्षी शरण ने अपने पूरे परिवार सहित हरिद्वार में हर की पौड़ी पर बिना श्राद्ध के भटकने वाली असंख्य हिन्दुओं की आत्माओं की शांति के लिए सामूहिक तर्पण की विधिवत पूजा और कार्यक्रम किया। भारत के कई राज्यों से कई बड़े हिन्दू नेता उनके साथ अपना समर्थन प्रकट करने के लिए वहां उपस्थित थे। जिनमें हिन्दू इको सिस्टम के प्रणेता और भाजपा नेता कपिल मिश्रा, हिमाचल प्रदेश हिन्दू जागरण मंच के संगठन मंत्री कमल गौतम, जर्मन मूल की भारत में रहने वाली सुप्रसिद्ध लेखिका मारिया वर्थ आदि उपस्थित रहे। सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों ने पोस्ट करके मीनाक्षी शरण को उनके हिन्दू जागरण के प्रयास के लिए धन्यवाद किया और उनके साथ का आश्वासन दिया।