उत्तर प्रदेश सरकार ने निर्णय लेते हुए कहा जो भी सरकारी जमीन वक्फ बोर्ड में शामिल है उसे मूल रूप से राजस्व विभाग में वापिस किया जाएगा । इसके लिए 33 वर्ष पुराना आदेश हटाया गया है। वक्फ बोर्ड में शामिल सरकारी जमीन का परीक्षण करने का आदेश दे दिया है। इस विषय पर अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री बताते है कि मुक्त कराई जमीन पर चिकत्सालय, विद्यालय इत्यादि बनाए ।
7अप्रैल1989 उस समय की कांग्रेस सरकार सरकार ने आदेश दिया था कि सामान्य संपत्ति बंजर, भीटा, उसर इत्यादि भूमि का इस्तेमाल वक्फ (मसलन कब्रिस्तान, मस्जिद, ईदगाह) के रूप में किया जा रहा हो तो उसे वक्फ की संपत्ति के रूप में ही मान्य कर दिया जाए। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस आदेश को हटा कर नए आदेश के संदर्भ में सभी मंडलायुक्तों व जिलाधिकारियों से ऐसे भूखंडों की पहचान कर 1माह के भीतर सूचित करने को कहा है।
पुराने आदेश के तहत उत्तर प्रदेश में लाखों हेक्टेयर बंजर, भीटा, ऊसर भूमि वक्फ संपत्ति के नाम कर दी गईं।उत्तर प्रदेश सरकार की ने कहा है कि वर्तमान में यदि वक्फ ने सरकारी जमीन है और उसका उपयोग के लिए हो रहा तो ठीक है। किंतु यदि इन पर अनाधिकृत कब्जे हैं तो कार्रवाई निश्चित रूप से होगी। ऐसी शिकायतें आईं हैं कि सार्वजनिक भूमि का दुरूपयोग 33 वर्ष पुराने आदेश की आड़ में पहले जमीन वक्फ बोर्ड के नाम किया गया और फिर बेचा गया।
यहां तक आवासीय कॉलोनियां तक बना दी गई है तथा व्यावसायिक गतिविधियां संचालित हैं। वक्फ की जमीन ईश्वर की जमीन है। उस पर कब्जे का किसी को अधिकार नहीं। यह सर्वे कराकर अवैध कब्जे वाली जमीन की निशानदेही की जाएगी। – धरधर्मपाल अल्पसंख्यक व वक्फ मंत्री। शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड उत्तर प्रदेश के अली जैदी ने कहा जो त्रुटिपूर्ण आदेश था उसे निरस्त कर नए आदेश स्वागत किया।उन्होंने कहा अवध कब्जे को हटाकर उस जमीन पर चिकत्सालय व विद्यालय बनेसरकार अच्छी नियत से सर्वे करवा रही है।